Monday, November 30, 2020

आज फिर से याद आई !

 2014 

कौन कहता है याद समय के साथ धुँधली हो जाती है या कि मिट  जाती है !!

 कोई कहीं नहीं जाता ,बस याद करने के लिए समय निकालना ज़रूरी होता है ।

यादें एक के बाद एक आती चली जाती हैं और हम भाव -विभोर होकर बस उनमें डूबते -उतराते हैं ।

आभार ! उस ईश्वर का जिसने हमें खुले दिल -दिमाग वाले माता-पिता दिए ।

भरा-पूरा परिवार दिया - बचपन  में ननिहाल के उमंग भरे दिन दिए । 

विदुषी माँ और भव्य व्यक्तित्व वाले पिता एक-दूसरे के पूरक थे।

2020

आज  अंतिम  और दुखद बात कहनी है -

उन सात  भाई -बहनों में अब कोई नहीं रहा सुवीरा ,सरला ,सुलोचना ,वाजिनी  , सुरेन्द्र,सावित्री और अंत में सुभाष !!

खट्टी-मीठी यादों के साथ सभी को नमन !

वशिनी ,आगरा  

30 नवंबर ,2020 

मनी की शादी -साध मन में ही रह गई

साध मन में ही रह गई -मनी की शादी 

अमृता की सगाई

 अमृता की सगाई 

Sunday, May 12, 2019

अम्मा -पाँच साल बाद

कर्मठ ,शांत और कर्तव्यपरायण !
44 साल पिता जी के बाद भी परिवार को सँभाले रहीं ।
भरा-पूरा परिवार !
पर कुछ बाकी रह  गया -आभार !
हम आभारी न हो पाए !
काश ! एक बार  कह दिया होता ।
सब कुछ अधिकार मान लेते रहे ।
हम सब !