Tuesday, December 1, 2020
Monday, November 30, 2020
आज फिर से याद आई !
2014
कौन कहता है याद समय के साथ धुँधली हो जाती है या कि मिट जाती है !!
कोई कहीं नहीं जाता ,बस याद करने के लिए समय निकालना ज़रूरी होता है ।
यादें एक के बाद एक आती चली जाती हैं और हम भाव -विभोर होकर बस उनमें डूबते -उतराते हैं ।
आभार ! उस ईश्वर का जिसने हमें खुले दिल -दिमाग वाले माता-पिता दिए ।
भरा-पूरा परिवार दिया - बचपन में ननिहाल के उमंग भरे दिन दिए ।
विदुषी माँ और भव्य व्यक्तित्व वाले पिता एक-दूसरे के पूरक थे।
2020
आज अंतिम और दुखद बात कहनी है -
उन सात भाई -बहनों में अब कोई नहीं रहा सुवीरा ,सरला ,सुलोचना ,वाजिनी , सुरेन्द्र,सावित्री और अंत में सुभाष !!
खट्टी-मीठी यादों के साथ सभी को नमन !
वशिनी ,आगरा
30 नवंबर ,2020
Monday, November 23, 2020
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