कर्मठ ,शांत और कर्तव्यपरायण !
44 साल पिता जी के बाद भी परिवार को सँभाले रहीं ।
भरा-पूरा परिवार !
पर कुछ बाकी रह गया -आभार !
हम आभारी न हो पाए !
काश ! एक बार कह दिया होता ।
सब कुछ अधिकार मान लेते रहे ।
हम सब !
44 साल पिता जी के बाद भी परिवार को सँभाले रहीं ।
भरा-पूरा परिवार !
पर कुछ बाकी रह गया -आभार !
हम आभारी न हो पाए !
काश ! एक बार कह दिया होता ।
सब कुछ अधिकार मान लेते रहे ।
हम सब !
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